लेखनी कविता - घन-कुरंग - नागार्जुन

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घन-कुरंग / नागार्जुन नभ में चौकडियाँ भरें भले शिशु घन-कुरंग खिलवाड़ देर तक करें भले शिशु घन-कुरंग लो, आपस में गुथ गए खूब शिशु घन-कुरंग लो, घटा जल में गए डूब ...

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