लेखनी कविता - मनुपुत्र दिगंबर - नागार्जुन

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मनुपुत्र दिगंबर / नागार्जुन समुद्र के तट पर सीपी की पीठ पर तरंगित रेखाओं की बहुरंगी अल्पना, हलकी! ऊपर औंधा आकाश निविड़ नील! नीचे श्याम सलिल वारुणी सृष्टि! सबकुछ भूल तिरोहित ...

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