लेखनी कविता - चमत्कार - नागार्जुन

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चमत्कार / नागार्जुन  हज़ार-हज़ार बाहों वाली » पेट-पेट में आग लगी है, घर-घर में है फाका यह भी भारी चमत्कार है, काँग्रेसी महिमा का सूखी आँतों की ऐंठन का, हमने सुना ...

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