लेखनी कविता - अन्दाज़ - भवानीप्रसाद मिश्र

58 Part

28 times read

0 Liked

अन्दाज़ / भवानीप्रसाद मिश्र अन्दाज़ लग जाता है कि घिरने वाले हैं बादल फटने वाला है आसमान ख़त्म हो जाने वाला है अस्तित्व सूर्य का इसी तरह सुनाई पड़ जाता है ...

Chapter

×