लेखनी कविता -आराम से भाई ज़िन्दगी - भवानीप्रसाद मिश्र

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आराम से भाई ज़िन्दगी / भवानीप्रसाद मिश्र आराम से भाई ज़िन्दगी ज़रा आराम से तेज़ी तुम्हारे प्यार की बर्दाशत नहीं होती अब इतना कसकर किया आलिंगन ज़रा ज़्यादा है जर्जर इस ...

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