लेखनी कविता -पानी वर्षा री - भवानीप्रसाद मिश्र

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पानी वर्षा री / भवानीप्रसाद मिश्र पी के फूटे आज प्यार के पानी बरसा री हरियाली छा गई, हमारे सावन सरसा री बादल छाए आसमान में, धरती फूली री भरी सुहागिन, ...

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