58 Part
26 times read
0 Liked
कठपुतली / भवानी प्रसाद मिश्र कठपुतली गुस्से से उबली बोली- यह धागे क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? इन्हें तोड़ दो; मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो। सुनकर बोलीं और-और कठपुतलियाँ कि हाँ, ...