लेखनी कविता - पहली बातें - भवानीप्रसाद मिश्र

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पहली बातें / भवानीप्रसाद मिश्र अब क्या होगा इसे सोच कर, जी भारी करने मे क्या है, जब वे चले गए हैं ओ मन, तब आँखें भरने मे क्या है | ...

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