लेखनी कविता - अपमान - भवानीप्रसाद मिश्र

58 Part

38 times read

0 Liked

अपमान / भवानीप्रसाद मिश्र अपमान का इतना असर मत होने दो अपने ऊपर सदा ही और सबके आगे कौन सम्मानित रहा है भू पर मन से ज्यादा तुम्हें कोई और नहीं ...

Chapter

×