लेखनी कविता - भारत महिमा -जयशंकर प्रसाद

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भारत महिमा -जयशंकर प्रसाद हिमालय के आँगन में उसे, प्रथम किरणों का दे उपहार ।  उषा ने हँस अभिनंदन किया, और पहनाया हीरक-हार ।।  जगे हम, लगे जगाने विश्व, लोक में ...

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