लेखनी कविता - अरुण यह मधुमय देश हमारा -जयशंकर प्रसाद

42 Part

53 times read

0 Liked

अरुण यह मधुमय देश हमारा -जयशंकर प्रसाद अरुण यह मधुमय देश हमारा।  जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा॥  सरल तामरस गर्भ विभा पर, नाच रही तरुशिखा मनोहर।  छिटका जीवन ...

Chapter

×