लेखनी कविता - अरी वरुणा की शांत कछार- जयशंकर प्रसाद

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अरी वरुणा की शांत कछार- जयशंकर प्रसाद  अरी वरुणा की शांत कछार !  तपस्वी के वीराग की प्यार ! सतत व्याकुलता के विश्राम, अरे ऋषियों के कानन कुञ्ज! जगत नश्वरता के ...

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