लेखनी कविता -आँखों से अलख जगाने को- जयशंकर प्रसाद

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आँखों से अलख जगाने को- जयशंकर प्रसाद आँखों से अलख जगाने को,  यह आज भैरवी आई है . उषा-सी आँखों में कितनी,  मादकता भरी ललाई है . कहता दिगन्त से मलय ...

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