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अब जागो जीवन के प्रभात- जयशंकर प्रसाद अब जागो जीवन के प्रभात ! वसुधा पर ओस बने बिखरे हिमकन आँसू जो क्षोभ भरे उषा बटोरती अरुण गात ! अब जागो जीवन ...