लेखनी कविता - अरे कहीं देखा है तुमने- जयशंकर प्रसाद

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अरे कहीं देखा है तुमने- जयशंकर प्रसाद  अरे कहीं देखा है तुमने  मुझे प्यार करने वालों को?  मेरी आँखों में आकर फिर  आँसू बन ढरने वालों को?  सूने नभ में आग ...

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