लेखनी कविता -ध्रुव तारा - जगदीश गुप्त

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ध्रुव तारा / जगदीश गुप्त एक लघु विश्वास का तारा सदा उत्तर में उगा रहता किसी भी प्रश्न के- जो छोड जाती कूल पर आकाश के तम-वाहिनी आलोक की धारा। मार्गदर्शक- ...

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