लेखनी कविता -जिस समय में - कुंवर नारायण

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जिस समय में / कुंवर नारायण जिस समय में सब कुछ इतनी तेजी से बदल रहा है वही समय मेरी प्रतीक्षा में न जाने कब से ठहरा हुआ है ! उसकी ...

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