55 Part
42 times read
0 Liked
यक़ीनों की जल्दबाज़ी से / कुंवर नारायण एक बार ख़बर उड़ी कि कविता अब कविता नहीं रही और यूँ फैली कि कविता अब नहीं रही ! यक़ीन करनेवालों ने यक़ीन कर ...