लेखनी कविता -आँकड़ों की बीमारी - कुंवर नारायण

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आँकड़ों की बीमारी / कुंवर नारायण एक बार मुझे आँकड़ों की उल्टियाँ होने लगीं गिनते गिनते जब संख्या करोड़ों को पार करने लगी मैं बेहोश हो गया होश आया तो मैं ...

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