लेखनी कविता - भाषा की ध्वस्त पारिस्थितिकी में - कुंवर नारायण

55 Part

46 times read

0 Liked

भाषा की ध्वस्त पारिस्थितिकी में / कुंवर नारायण प्लास्टिक के पेड़ नाइलॉन के फूल रबर की चिड़ियाँ टेप पर भूले बिसरे लोकगीतों की उदास लड़ियाँ..... एक पेड़ जब सूखता सब से ...

Chapter

×