लेखनी कविता -गुड़िया - कुंवर नारायण

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गुड़िया / कुंवर नारायण मेले से लाया हूँ इसको छोटी सी प्‍यारी गुड़िया, बेच रही थी इसे भीड़ में बैठी नुक्‍कड़ पर बुढ़िया मोल-भव करके लया हूँ ठोक-बजाकर देख लिया, आँखें ...

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