लेखनी कविता -कोलम्बस का जहाज - कुंवर नारायण

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कोलम्बस का जहाज / कुंवर नारायण बार-बार लौटता है कोलम्बस का जहाज खोज कर एक नई दुनिया, नई-नई माल-मंडियाँ, हवा में झूमते मस्तूल लहराती झंडियाँ। बाज़ारों में दूर ही से कुछ ...

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