लेखनी कविता - उपालम्भ -माखन लाल चतुर्वेदी

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उपालम्भ -माखन लाल चतुर्वेदी  क्यों मुझे तुम खींच लाये? एक गो-पद था, भला था, कब किसी के काम का था? क्षुद्ध तरलाई गरीबिन,  अरे कहाँ उलीच लाये? एक पौधा था, पहाड़ी ...

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