लेखनी कविता - इस तरह ढक्कन लगाया रात ने -माखन लाल चतुर्वेदी

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इस तरह ढक्कन लगाया रात ने -माखन लाल चतुर्वेदी  इस तरह ढक्कन लगाया रात ने, इस तरफ़ या उस तरफ़ कोई न झाँके।  बुझ गया सूर्य, बुझ गया चाँद, त्रस्त ओट ...

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