लेखनी कविता -जागना अपराध -माखन लाल चतुर्वेदी

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जागना अपराध -माखन लाल चतुर्वेदी  जागना अपराध! इस विजन - वन गोद में सखि, मुक्ति - बन्धन - मोद में सखि, विष - प्रहार - प्रमोद में सखि, मृदुल भावों  स्नेह ...

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