लेखनी कविता -जीवन, यह मौलिक महमानी -माखन लाल चतुर्वेदी

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जीवन, यह मौलिक महमानी -माखन लाल चतुर्वेदी  जीवन, यह मौलिक महमानी! खट्टा, मीठा, कटुक, केसला  कितने रस, कैसी गुण-खानी  हर अनुभूति अतृप्ति-दान में  बन जाती है आँधी-पानी  कितना दे देते हो ...

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