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कोई वफा नहीं है तेरी वफाओं जैसा। नहीं सुकून तेरी जुल्फ की छांवों जैसा। तेरे बग़ैर है खामोश जिंदगी इतनी। सुकूत फैला है इसमें तो ख़लाओं जैसा। किस कदर तुझ से ...
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