लेखनी कविता -पंचभूत - काका हाथरसी

20 Part

64 times read

0 Liked

पंचभूत / काका हाथरसी  भाँड़, भतीजा, भानजा, भौजाई, भूपाल  पंचभूत की छूत से, बच व्यापार सम्हाल  बच व्यापार सम्हाल, बड़े नाज़ुक ये नाते  इनको दिया उधार, समझ ले बट्टे खाते ‘काका ...

Chapter

×