लेखनी कविता - भ्रष्टाचार - काका हाथरसी

20 Part

63 times read

0 Liked

भ्रष्टाचार / काका हाथरसी  राशन की दुकान पर, देख भयंकर भीर  ‘क्यू’ में धक्का मारकर, पहुँच गये बलवीर   पहुँच गये बलवीर, ले लिया नंबर पहिला   खड़े रह गये निर्बल, बूढ़े, बच्चे, ...

Chapter

×