लेखनी कविता - नाग पंचमी - अमृता प्रीतम

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नाग पंचमी / अमृता प्रीतम मेरा बदन एक पुराना पेड़ है... और तेरा इश्क़ नागवंशी – युगों से मेरे पेड़ की एक खोह में रहता है। नागों का बसेरा ही पेड़ों ...

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