लेखनी कविता -निवाला - अमृता प्रीतम

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निवाला / अमृता प्रीतम जीवन-बाला ने कल रात सपने का एक निवाला तोड़ा जाने यह खबर किस तरह आसमान के कानों तक जा पहुँची बड़े पंखों ने यह ख़बर सुनी लंबी ...

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