लेखनी कविता -सिगरेट -अमृता प्रीतम

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सिगरेट /अमृता प्रीतम यह आग की बात है तूने यह बात सुनाई है यह ज़िंदगी की वो ही सिगरेट है जो तूने कभी सुलगाई थी चिंगारी तूने दे थी यह दिल ...

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