Sapna shah

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पनाह

दुनिया की ठोकरे खाकर 
अब तेरी पनाह में आया

रख अपनी निगाहों में हमें 
ए मालिक ,तेरे  सिवा कोई और ना दिखा हमें 

तू ही मेरा ईश्वर, तू ही मेरा तारणहारा 
तू ही मेरी आस्था ,तू ही हैं परमात्मा 

दरदर भटकता रहा मुसाफिर 
मंजिल वहीं जहां तेरी शरण मिली

बिगडी तकदीर सवार  दे
अपनी पनाह में सहारा दे 

प्यार से भर देना मेरी झोली 
तू ही हैं इस टूटी नैया का रखवाली  ...!! 

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5 Comments

Zakirhusain Abbas Chougule

12-Sep-2021 08:52 AM

Nice

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Renu Singh"Radhe "

08-Sep-2021 10:36 PM

बहुत खूब

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Sapna shah

09-Sep-2021 02:30 PM

Thank u

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Swati chourasia

08-Sep-2021 06:43 PM

Very nice 👌

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Sapna shah

08-Sep-2021 08:20 PM

Thank u

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