114 Part
311 times read
16 Liked
यही तो इंसानियत है खेल इतने खेलती है जिंदगी वक्त को समझों तो ही बेड़ा पार है कभी किसी का बुरा ना चाहों यही तो इंसानियत है। मुश्किलों से भाग जाना ...