खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है

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खुशनुमा जिंदगी अपने हाथों में ही है अकारण ही घबरा जाते है हम जब गम सताती है घड़ी घड़ी सुख और दुःख गतिमान के दो पहिए है इंसान के लिए इंसानियत ...

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