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चन्दर हँस पड़ा, "नहीं, हम तुम्हारा इन्तजार करेंगे, जाओ।" हसरत सिर हिलाता हुआ चला गया। इतने में सुधा आयी और बोली, "गेसू की गजल सुनों यहाँ बैठकर आवाज आ रही है ...