गुनाहों का देवता

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पागल हूँ, मैं क्या करूँ?" सुधा बड़े कातर स्वर में बोली। चन्दर चुप था। सिर्फ सिर झुकायें, हाथों पर माथा रखे बैठा था। सुधा थोड़ी देर हाँफती रही। फिर बोली- "तुम्हें ...

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