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"कुछ नहीं!" "नहीं बताइएगा? हम नहीं जान सकते?" बिनती के स्वर में ऐसा आग्रह ऐसा अपनापन, ऐसी निश्छलता रहती थी कि चन्दर अपने को कभी नहीं रोक पाता था। छिपा नहीं ...