159 Part
37 times read
0 Liked
छिह, चन्दर! आज तो हम संभल गये हैं, हमने सब स्वीकार कर लिया चुपचाप अब तुम कमजोर मत बनो, तुमने कहा था, मैं शान्त रहूँ तो शान्त हो गयी। अब क्यों ...