गुनाहों का देवता

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छिह, चन्दर! आज तो हम संभल गये हैं, हमने सब स्वीकार कर लिया चुपचाप अब तुम कमजोर मत बनो, तुमने कहा था, मैं शान्त रहूँ तो शान्त हो गयी। अब क्यों ...

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