विरह और मिलन

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विरह और मिलन वाह प्रभु जी वाह बनाया है तूने ऐसा क्यों इंसान कालचक्र की पहिया में जीवन भर घुम रहा है इंसान। चाहे व्यक्ति ज्ञानी हो चाहे व्यक्ति वैरागी हो ...

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