गुनाहों का देवता

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कि एक क्षण वह चन्दर को अपने से अलग नहीं रहने देती थी। जितनी देर चन्दर घर में रहता, सुधा उसे अपने दुलार में अपनी साँसों की गरमाई में समेटे रहती ...

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