159 Part
35 times read
0 Liked
बादामी शाल ओढ़े रह-रहकर मुस्कराती और गालों पर फूलों के कटोरे खिल जाते, आँख में एक नयी चमक। चन्दर थोड़ी देर देखता रहा. उसके बाद उसने बिनती को खींचकर कुछ हिचकते ...