कण कण में है राम

114 Part

109 times read

4 Liked

कण कण में है राम कहां जा रहा है तू ऐ जाने वाले अंधेरा है मन का, दीया तो जला लें ऊपर में विशाल गगन है और नीचे में है गहरा ...

Chapter

×