मन बेचैन है मैं क्या करूं

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मन बेचैन है मैं क्या करूं हाड़ मांस से जड़ा हुआ हूं आशा और अरमान अनेक है नींद आती नही है रातभर मन बेचैन है मैं क्या करूं। हर पल और ...

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