तेरी मेहबानियां

114 Part

142 times read

6 Liked

तेरी मेहबानियां पार लगा दें मेरे सपनों की नैया सावन भादों जैसे बरस रहें है मेरे नैना ना मांगू मैं हीरे मोती मांगू बस थोड़ी सी ज्योति तुम हो दुनिया के ...

Chapter

×