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नशा है नरक का द्वार मैं लौटना चाहता हूं फिर वही पुरानी यादों में कभी न पीना दारू सज्जनों क्योंकि नशा है नरक का द्वार। सतयुग त्रेता हो या कलयुग नशेड़ी ...