114 Part
64 times read
3 Liked
मित्र के नाम एक संदेश शब्द सुमनो के पिरोकर आज मैं कविता लिख रहा हूं कितनें भी अड़चनें क्यों न आएं अपनी मित्रता हो कृष्ण सुदामा जैसा। जब तुम थपथपाते हो ...