जब जागो तब सबेरा है

114 Part

337 times read

5 Liked

जब जागो तब सबेरा है क्या हुआ उम्मीदों ने साथ छोड़ दिया है खुशियों ने भी मुख मोड़ लिया है हम तो दर्द झेलते आ रहे है जन्म से पर बीत ...

Chapter

×