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छेरछेरा आज मगन हे लइका अउ सियान घरोघर मिलही ठेठरी खुरमी अउ धान। हमर छत्तीसगढ के इही तो हे चिनहारी घर घर मा पकही बरा अउ सुहारी कहूं मड़ई भरही, कहूं ...